जपो रे मन! हर दम सीताराम। चौरासी के बंधन कटि है, बनि हैं बिगरे काम। जपो रे मन! हर दम सीताराम। चौरासी के बंधन कटि है, बनि हैं बिगरे काम।
जो कुछ तुम हो मैं वो सब कुछ हूँ। जो कुछ तुम हो मैं वो सब कुछ हूँ।
ईश्वर का दूत बन धरा पर जीवन बिताता है परमहंस कहलाता है। ईश्वर का दूत बन धरा पर जीवन बिताता है परमहंस कहलाता है।
विश्राम की इच्छा नहीं मैं ही मेरा विश्राम हूँ मैं ही मेरी दुविधा सही मैं ही मेरा समा विश्राम की इच्छा नहीं मैं ही मेरा विश्राम हूँ मैं ही मेरी दुविधा सही मै...
जीवन है थोड़ा क्या पाया क्या खोया, रखा हिसाब नहीं, जीवन है थोड़ा क्या पाया क्या खोया, रखा हिसाब नहीं,
थके हारों को कुछ क्षण का विश्राम है नव युग निर्माण को अनंत आयाम है बुझ चुके दीपक में भी संभावना तम... थके हारों को कुछ क्षण का विश्राम है नव युग निर्माण को अनंत आयाम है बुझ चुके दी...